cycle is beneficial in health environment and economic terms

फिर से शान की सवारी बन सकती है सायकल। सायकल की सवारी के प्रति लोगों का बढ़ रहा हैं रुझान। सेहत, पर्यावरण व आर्थिक दृष्टि से लाभदायक है सायकल चलाना। 3 जून को मनाया जाता है विश्व सायकल दिवस।



सायकल लगभग हर इंसान के जीवन की प्रथम सवारी रही है। इंसान बाल्यावस्था में सबसे पहले किसी वाहन को चलाना सीखता है तो वह सायकल ही होती है। बच्चा जब चलना प्रारंभ करता है तो सायकल चलाना उसकी पहली और प्रमुख जिद होती है। इसलिए बच्चों के लिए बचपन का सबसे बड़ा और पसंदीदा उपहार माता-पिता द्वारा दिलाई जाने वाली सायकल ही होती है।

सायकल के प्रति इंसान का बचपन में बहुत लगाव होता है लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होने लगता है, किशोरावस्था से होते हुए युवावस्था की दहलीज पर दस्तक देने की उम्र तक पहुँचते-पहुॅंचते उसका झुकाव बाईक और कार की तरफ हो जाता है। उसको सायकल चलाने में झिझक महसूस होने लगती है। उसे लगता है कि सायकल चलाने से उसकी प्रतिष्ठा प्रभावित होगी। सायकल चलाना उसकी प्रतिष्ठा को शोभा नहीं देगा। फिर एक समय बाद उसकी सायकल घर के किसी कोने में रखे हुए धूल खाती रहती है। बचपन की सवारी रही सायकल की जगह बाईक और कार ले लेती है।

आवागमन में सायकल का उपयोग कम होने के दुष्परिणाम पर्यावरण और मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव के रूप में सामने आ रहे हैं। एक समय ऐसा था जब आम लोगों के लिए कार व बाईक खरीदना असान नहीं था। उस समय ज्यादातर लोगों के लिए आवागमन का साधन सायकल ही थी। आवागमन के लिए सबसे ज्यादा सायकल का ही उपयोग होता था। सायकल चलाने के फायदे किसी से छिपे नहीं थे। सायकल चलाने से लोग स्वस्थ रहते थे। सायकल चलाने से पर्यावरण में प्रदुषण का खतरा भी नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे सायकल का उपयोग कम होने लगा। सायकल की जगह लोग बाईक, कार व अन्य वाहनों की सवारी करने लगे।


सेहत के दृष्टि से कितना लाभदायक है सायकल चलाना।

सायकल की सवारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए सायकल चलाना उपयोगी है। सायकल चलाना अपने-आप में एक तरह का एरोबिक्स व्यायाम होता है। सायकल चलाने से इंसान का वजन नियंत्रण में रहता है। सायकल चलाना चिंता व अवसाद को कम करता है।

आज मनुष्य की जीवनशैली लगातार बिगड़ती जा रही है। यही कारण है कि इंसान का शरीर मोटापा आदि स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हो रहा है। इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए कुछ शारीरिक गतिविधियाॅं जरूरी हैं। ये शारीरिक गतिविधियाॅं शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकती है। इनमें सायकल चलाना शरीर के लिए काफी फायदेमंद शारीरिक गतिविधि है।


पर्यावरण व आर्थिक दृष्टि से कितना लाभदायक है सायकल चलाना।

सायकल चलाने से स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है। सायकल का उपयोग पर्यावरण के लिए नुकसानदायक नहीं है। इसलिए सायकल चलाना पर्यावरण संरक्षण के लिए भी लाभकारी है।

दुनिया में प्रदुषण का तेजी से बढ़ता स्तर मानव जीवन के लिए गंभीर संकट है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से सम्पूर्ण विश्व परेशान है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या कैसे कम की जाए इसके लिए गंभीर होकर प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो भावी पीढ़ी का भविष्य ही खतरे में पड़ सकता है। विश्व की ऊर्जा आवश्यकताओं की सबसे ज्यादा पूर्ति पेट्रोल, डीजल से होती है। जिस कारण हवा लगातार प्रदुषित हो रही है।

जनता को अपने दैनिक कार्यों के लिए सायकल का उपयोग प्राथमिकता से करना प्रारंभ कर देना चाहिए। स्कूल और ऑफिस आने-जाने के लिए यदि लोग सायकल का उपयोग करेंगे तो इससे काफी हद तक प्रदूषण पर नियंत्रण लगाया जा सकता है। खासकर मेट्रो शहरों में सायकल के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मेट्रों शहरों में लोग ऑफिस आने-जाने के लिए कार व बाईक का ज्यादा उपयोग करते हैं। अगर यहीं लोग सायकल से आना-जाना प्रारंभ कर दे तो पर्यावरण प्रदुषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे हर दिन होने वाली हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल की खपत भी कम होगी।


जहां सायकल के उपयोग से पेट्रोल और डीजल से होने वाले वायु प्रदुषण का खतरा भी नहीं रहता है वहीं बाईक और कार की तुलना में सायकल काफी सस्ती भी होती है। यूरोपीय देशों में 18वीं शताब्दी के दौरान सायकल का अविष्कार किया गया था। सायकल का रखरखाव बहुत ही आसान है। बाईक और कारों की कीमत लगातार बढ़ती रही लेकिन सायकल आज भी किफायती किमत पर मिल जाती है। लगातार महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल के कारण वाहनों के इस्तेमाल से लोगों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। इसलिए सायकल के उपयोग को बढ़ावा देना जरूरी होता जा रहा है।

हालांकि कुछ देशों में सायकल के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ा है। जर्मनी के सबसे बड़े शहर बर्लिन में ज्यादातर लोग आवागमन के लिए सायकल का उपयोग करते हैं। यहां लक्जरी कारों के मालिक भी सायकल चला रहे हैं। शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने व पर्यावरण संरक्षण के लिए भी सायकल का उपयोग किया जा रहा है।

सायकल के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयास भी चल रहे है। संयुक्त राष्ट्र ने सायकल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 3 जून 2018 से विश्व सायकल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। प्रत्येक वर्ष 3 जून को विश्व सायकल दिवस घोषित किया गया है।

विश्व में नीदरलैंड ऐसा देश है जहाॅं के प्रधानमंत्री को भी सायकल की सवारी पसंद है। नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुट्ट खुद सायकल चलाकर संसद जाते है। नीदरलैंड की सड़कों पर सबसे ज्यादा सायकल नजर आती है। नीदरलैंड दुनिया में ऐसा देश है जहां के सबसे ज्यादा नागरिक सायकल का उपयोग करते हैं। यहां के नागरिकों द्वारा लंबी दूरी भी सायकल से तय की जाती है। दुनिया के अन्य देशों के नागरिकों को भी फिर से सायकल को अपनी शान की सवारी बनाकर उपयोग करना प्रारंभ कर देना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण भी होगा और मनुष्य के शारीरिक फीटनेस के लिए भी लाभदायक रहेगा।